Head of Department
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के हिन्दी भाषा एवं प्रयोजनमूलक विभाग की स्थापना सत्रा 2018-19 में हुई।
हिन्दी भाषा एवं प्रयोजनमूलक विभाग के अंतर्गत केवल स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है। इस पाठ्यक्रम का निर्माण राष्ट्रीय
एवं मानवीय मूल्यों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है। हिन्दी भाषा एवं क्षेत्राीय भाषा के संवर्धन के लिए साहित्य
के साथ-साथ छात्रों को व्यावहारिक व व्यावसायिक हिन्दी के प्रति जागरूक किया जाता है। कुल मिलाकर विभागीय पाठ्यक्रमों में यह ध्
यान रखा गया है कि छात्रों को न केवल हिन्दी बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय परिवेश का ज्ञान कराया जा सके। साथ ही रोजगार की दिशा
में अवसर प्रदान हो सके। परास्नातक स्तर पर छात्रा-छात्राओं के लिए परिसंवाद के साथ-साथ कवि, कलाकार, लेखक आदि से साक्षात्कार
नियमित रूप से होते रहते हैं। अपनी स्थापना के छोटे समय में हिन्दी भाषा एवं प्रयोजनमूलक विभाग ने अपने विद्यार्थियों के लिए
शैक्षिक-सांस्कृतिक एवं सामाजिक उन्नयन हेतु एक राष्ट्रीय संगोष्ठी, अंतर्राष्ट्रीय-हिंदी दिवस, मातृभाषा दिवस, हिंदी दिवस, निबन्ध
प्रतियोगिता, कोरियाई दल का शैक्षिक भ्रमण और संविधान दिवस आदि का आयोजन व्यापक स्तर पर किया। इसके साथ ही रोजगार प्राप्त
करने की दिशा में भी कैंपस सेलेक्शन के माध्यम से प्रयास करना, विगत सत्रा में कैंपस सेलेक्शन के माध्यम से 03 विद्यार्थियों का चयन
भी हुआ है। एम.ए. पाठ्यक्रम के सभी सेमेस्टर के छात्रों का अलग-अलग व्हाट्सएप समूह, जिसमें नियमित विभागीय/छात्रों से सम्बन्धित
विश्वविद्यालय की सूचनाओं का संप्रेषण, विद्यार्थियों की प्रगति की जानकारी हेतु परियोजना-कार्य दिए गये एवं उनका ऑनलाइन मूल्यांकन,
विभागीय छात्रों को मिशन शक्ति एवं कैंपस प्लेसमेंट आदि कार्यक्रमों में प्रतिभाग करता हुआ हिन्दी भाषा एवं प्रयोजनमूलक विभाग उत्तरोत्तर
प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
अपने शुरूआती दौर में अनुभव संपन्न शिक्षक विभाग में कार्यरत हैं। देश के अन्य विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ नियमित रूप से यहाँ
पढ़ाने के लिए आमंत्रित किए जाते हैं। हिन्दी भाषा एवं प्रयोजनमूलक विभाग का उद्देश्य केवल प्रचार-प्रसार करना ही नहीं बल्कि हिन्दी
साहित्य से अवगत करवाते हुए अंतरानुशासनिक ज्ञान को बढ़ावा देना है। भाषा केंद्र के विकास में विभाग के द्वारा अपनी भूमिका का निर्वहन
करना भी दायित्त्व में शामिल है।
हिन्दी भाषा एवं प्रयोजनमूलक विभाग की भविष्य की योजनाओं में विभागीय पुस्तकालय का विस्तार और शोध पत्रिका का नियमित
प्रकाशन, प्रवासी साहित्य का अध्ययन-अध्यापन, साहित्यिक संस्थाओं और विश्वविद्यालयों से सकर्मक जुड़ाव, विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्
ययनरत हिन्दी विषय के विद्यार्थियों तथा हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों का विदेशी विश्वविद्यालयों में भाषिक-साहित्यिक अध्ययन हेतु पारस्परिक
आदान-प्रदान करना सम्मिलित है।